Sunday, November 28, 2010

eyes speaks......

 
Some feelings are better expressed through eyes than voice as
Eyes expresses more meaning than words!!

Tuesday, September 28, 2010

Skand Giri Treasure Hunt of Qualities

Last week I with my friends went to Skand Giri hills for Picnic. There me and Pankaj Kotalwal designed a treasure hunt of qualities for rest of the friends. Here is the clues with quality.

1. घना घना मैं हरा पेड़,
    छाव है मेरी सबसे अछी,
    कभी किसीसे नहीं मांगता,
    निस्वर्था है मेरी सच्ची|
  गुण-> निस्वर्था

२. आघा ऊपर, आघा निचे,
    पर्वत जैसा मेरा अंग है,
    मुझे तूफान भी नहीं हिला सकता,
   सबसे निराला मेरा रंग है|
गुण -> स्थिरता

३. दूरदृष्टि है ये मेरी,
   पर मंदिर ना नज़र आये,
   भगवान् को ढूंढे इस जगह से,
   पत्थर बीचमे आये|
गुण-> कृतज्ञता

४. दिन यहाँ पे शुरू किया था,
    सबको हमने एक पाया था,
    जैसे सूरज एक है,
    किरणे उसकी नेक है|
गुण-> तेजस्विता(सूरज)

५. मानो तोह पत्थर हूँ,
    मानो तोह दिवार हूँ,
    मेरी शक्ति का मुझे गर्व नहीं है,
    मुझे किसीका डर नहीं है|
गुण->नम्रता (W point )


६. कलि की मुस्कान हूँ,
   भगवान् का हार हूँ,
   हर वादी का गुलज़ार हूँ,
   सपना मैं साकार हूँ|
गुण->सुन्दरता(फूल)

७. हर किसी ko सहारा दू मैं,
   आज चिरियो का प्यारा हूँ मैं,
   सामने देखो मुझे,
   तोह खेत में नज़ारा हूँ मैं|
गुण-> आधार (bird house)

८. कितने सालो से खादर यहाँ नैन,
   उची मेरी गर्दन है,
   हर एक गुण को देख सकू मैं,
   ऐसी तीशन आखें है|
गुण->भाव्येता

९. सबकी प्यास भुझाऊ मैं,
    मुझको जीवन कहते है,
    सबको स्वछ करता हूँ,
    सब मुझे ढूंडते रहते है|
गुण->शीतलता(पानी)

१०. सीना तानके खड़ा हूँ,
     चोडा मेरा सीना है,
     आज आपने मुझे देखा,
     मैंने आपको जाना है|
गुण->विशालता

११. बस!!! और राह ना जाये,
     घर की अब याद आये,
     कैसे में जाऊ घर पे,
     ये दुरी सही ना जाये|
गुण->भाव्मयेता

Saturday, September 4, 2010

A rose for a loving Soul

I find myself living in a superficial world, the world which has emotions in order to achieve some excellence in life. Therefore, I thought the only thing I can offer a rose to the person who is still preserving a innocent and loving soul in him/herself.

God has created our souls as a Rose with thrones for protection, at the same time, the rose is as soft and gentle as a feather.

Today, we are demolishing our souls in race to overthrow all competitors and the result is our lives becoming black and white. We have forgotten the colors of life, the actual taste and way of life. One day we will re-colour our life just like me coloring this sketch in red and green.

Wednesday, August 25, 2010

सोचता रहता हूँ

क्या बताऊ आजकल जो हाल है !!!!
काम का ठिकाना नहीं रहता है,
बस सोच में ख्याल ही ख्याल है,

किस सोच में डूबा रहता हूँ,
देखते मेरा परोसी भी परशान है|

आपनी खबर नहीं रहती  है,
राहो में चलते-चलते ठोकर लगती रहती है,
जब अपने सपने के बारे में सोचता हूँ,
आगे क्या करू....

सपनो की राह हमेशा धोंडली सी होती है,
जब तक सोच इस्धिर नहीं होती है,
अब ये इस्धिरता कैसे लाऊ,
मैं सोचता रहता हूँ |

सोच में डूबते को तिनके का सहारा चाहिए,
रहो में पथ दिखलाने वाला चाहिए,
अब इस हस्ती को कहा ढूंडू,
ये सोचता रहता हूँ|

बरसो में मिला है राह दिखलाने वाला,
हर पथ पर साथ ये रहने वाला,
मुझमे भी है बस्ता सबमे रहने वाला,
हरि कृपा का है आँचल प्यारा|||

अब सोच-समझकर सब है पाया,
जो कुछ भी है उसने दिलाया,
निमित मात्र हूँ इसलिए,
सोचता राह हु|

Monday, August 2, 2010

Happy FriendShip

A friend is one who is there when you ok and also when you not ok........
A friend is one who like what you are !! and also when you are !!!!
A friend is one who feel your emotions when you are and when you are not emotional.....
A friend is one who break rules for you.....
A friend is one who stops to fail in any way....any day......
A friend is one with whom you bail your day....everyday.....
A friend is like a ship that sail with the wind and against the wind.....
A friend is one who celebrates every day as a friendship day.........................


Happy Friendship day.....week.....month......year.......everyday....

Love you all
Neeraj

Thursday, July 29, 2010

Aaj ka Arjun(आज का अर्जुन)

आज का अर्जुन,
सोचता नहीं समझता नहीं,
graduation से post graduation तक कुछ सीखता नहीं,
बड़े-बड़े सपने को भूलता नहीं||

आज का अर्जुन,
techonology को भूलता नहीं,
पर techonology को समझता भी नहीं,
करता है बड़ी-बड़ी बाते जो अपने में होता नहीं ||

आज का अर्जुन,
जीवन लक्ष्य जानता नहीं,
life जी रहा है,
पर life को जीने का experience नहीं||

समझ में नहीं आता,
जीवन लक्षी देये कहा नहीं,
भगवान् का बेटा हूँ,
उसका प्यारा-दुलारा क्यों नहीं,
उसका निमित मात्र हूँ,
पर 100 % efficient क्यों नहीं,
विचारो में पूर्ण हूँ,
दुर्रविचार कम क्यों नहीं,
bread - oriented जीवन जीता हूँ,
life - oriented जीवन हूँ नहीं,

कृष्ण का अर्जुन बन सकता हूँ,
कृष्ण का अर्जुन बनता क्यों नहीं|

जब तक है मुझे में जीने कि आग,
स्वधाये से अपरिचित रह सहता नहीं||
आज का अर्जुन ,
भगवान् कृष्ण का अर्जुन कैसे बन सकता नहीं||

Sunday, March 7, 2010

कुछ समझ नहीं आता(not able to understand)

कुछ  समझ  नहीं  आता ,
आज  की  पढाई  bread oriented क्यों  है ,
क्यों  spirituality तोह  कोसो  दूर  है ,
हम  सब  में  humanity गायब  क्यों  हुई ,
नयी  सोच  को  क्या  जगा  पेयेगे ???


कुछ  समझ  नहीं  आता ,
क्या  ये  monotony कभी  जाएगी ,
क्या  ये  काम  की  टेंशन ,
गाड़िया  और  सपनो  के  घर ,
कहा  से  आयेगे ??????


कुछ  समझ  में  नहीं  आता ,
इतना  पढने के  बाद  भी ,
क्या  हम  कुछ  कर  दिखायेगे ,
या  सपने !! सपने  ही  रह  जायेगे ,
होसला  कहा  से  लायेगे ??????


कुछ  समझ  नहीं  आता ,
रहो  में  आनेवाले  काटे ,
क्या  तारो  पे  ले  जायेगे ,
या  शीशे  की  तरह  सब  टूट  जायेगे ,
shortcut बना  पायेगे ??????


कुछ  समझ  नहीं  आता ????

In English font,


kuch samajh nahi aata,
aaj ki padayee bread oriented kyu hai,
kyu spirituality toh koso dur hai,
hum sab me humanity gayab kyu hui,
nayi soch ko kya jaga peyege ???


kuch samajh nahi aata,
kya ye monotony kabhi jayegi,
kya ye kaam ki tension,
gaadiya aur sapno ke ghar,
kaha se aayege??????

kuch samajh me nahi aata,
itna padne ke baad bhi,
kya hum kuch kar dikhayege,
ya sapne!! sapne hi rahh jayege,
husala kaha se layege??????

kuch samajh nahi aata,
raho me aanewale kaate,
kya taaro pe le jayege,
ya sheeshe ki tarah sab toot jayege,
shortcut bana payege??????

kuch samajh nahi aata,
aaj ki padayee bread oriented kyu hai,
kyu spirituality toh koso dur hai,
hum sab me humanity gayab kyu hui,
nayi soch ko kya jaga peyege ???


Kuch samajh nahi aata ??????

Tuesday, February 9, 2010

मायूसी को मिटायेंगे

सोचा ना तुम से भी ये पायेगे,
आशा नहीं रखी थी पर तब भी वफाई पायेगे,
जो मायूसी ना थी देखि अब तक वो पायेगे ||

हमेशा सुनना करता था तेरी,
कभी हम भी सुनायेंगे ,
दिल में तोह बहुत है पर क्या बताएँगे,
तुम ने जो मायूस किया है कबतक कुछ छुपा पाएंगे ||

सब परिस्तिथियों में साथ निभाया है और निभाएंगे,
अब भी कोई गीला है तूझसे तो बताएँगे,
हममें भी है कमियां ये समझायेंगे,
समझा पाए तोह दूरियाँ हटायेंगे,
ये जो मायूसी है उससे मिटायेंगे||

Saturday, January 30, 2010

life on edge

Our life almost travels on the edge of something, as we are eager to achieve something or other. Though it is in everybody's mind and thoughts , only few are able to be convert it into action.

Thinking of sitting on the edge of a mountain is an act of stupidity to a lot of us. But i tried doing it and captured in my sketch too. Since I like sketching in black and white, the original coloured image could not be developed by me.
Someday I will try it too.

Regards,
Neeraj