सोचा ना तुम से भी ये पायेगे,
आशा नहीं रखी थी पर तब भी वफाई पायेगे,
जो मायूसी ना थी देखि अब तक वो पायेगे ||
हमेशा सुनना करता था तेरी,
कभी हम भी सुनायेंगे ,
दिल में तोह बहुत है पर क्या बताएँगे,
तुम ने जो मायूस किया है कबतक कुछ छुपा पाएंगे ||
सब परिस्तिथियों में साथ निभाया है और निभाएंगे,
अब भी कोई गीला है तूझसे तो बताएँगे,
हममें भी है कमियां ये समझायेंगे,
समझा पाए तोह दूरियाँ हटायेंगे,
ये जो मायूसी है उससे मिटायेंगे||
Tuesday, February 9, 2010
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Good one...
ReplyDeleteI found the name of your blog really interesting .. nice blog ..
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